लौट आये ये
लौट आये ये
वादे कसमें अपने वो
जिद के रिश्ते अपने वो
दाऍं बाएँ दो आँखें जो
तेरे चेहरे इसमें जो
सब करीब है अपने ये
लौट आये ये...
भूली बिसरी उस यादों में
ढूँढकर जो लाया तुझे
रग - रग में समाए जो
खास होकर आये जो
देखूँ इस भीड़ से निकल के,
आये जो खुशबू -सा उड़के
छू लूँ तेरे खामोशी को,
जो तू बोले ये
लौट आये ये...
गुल बिखरे हैं लब पे ये
लफ्ज़ टूटे हैं तुझपे ये
जमीं पे पैर नहीं कबसे ये
बहार है महकी - सी साँसों में
प्यासे होंठों के एहसासों पे
दिल खयाल में, रात दिन
खुशियों में बिताए ये
लौट आये ये...