सीखें बच्चे लोक व्यवहार को करके रस्म और नेग। सीखें बच्चे लोक व्यवहार को करके रस्म और नेग।
ले के आयो रे रंगों का त्योहार फाल्गुन आयो रे। ले के आयो रे रंगों का त्योहार फाल्गुन आयो रे।
पुछो ना इस त्योहार की कितनी सुन्दर गाने दुश्मन भी दुश्मन को इस दिन अपना माने। पुछो ना इस त्योहार की कितनी सुन्दर गाने दुश्मन भी दुश्मन को इस दिन अपना...
बोला साहब, अगर आज दीवाली मनाऊंगा तो कल परिवार को क्या खिलाऊंगा? बोला साहब, अगर आज दीवाली मनाऊंगा तो कल परिवार को क्या खिलाऊंगा?
सितंबर माह में आने वाले श्राद्ध अपने पूर्वजों की दिलाते हैं याद। सितंबर माह में आने वाले श्राद्ध अपने पूर्वजों की दिलाते हैं याद।
मुंडेर बैठे काले कौवे को भरपेट खिलाया जायेगा। मुंडेर बैठे काले कौवे को भरपेट खिलाया जायेगा।