गुड्डे गुड़िया के खेल
गुड्डे गुड़िया के खेल
आज है मेरे गुड्डे का
तेरी गुड्डी के संग ब्याह,
कोई बनाये हलवा पूरी
कोई गरमा गरम चाय।
सज धज के संग लिए बराती
आएगी बारात,
गुड्डी को तुम लगाओ हल्दी
सजा लो मेहँदी हाथ।
लगाओ मंडप घर आँगन में
सजा लो बंदनवार,
गुड़िया को तुम सजा धजा के
रखना कर तैयार।
सारे बच्चे गायें मंगल
जैसे हो त्यौहार,
कोई सिलता जोड़ा सुंदर
कोई बनाये हार।
लाल चुनर है गुड़िया की
लहंगा पीला गोटेदार,
गुड्डा बांधे सेहरा नीला
लड़ियाँ मोतीदार।
वरमाला में सबको आना
बनकर के मेहमान,
खील बताशे लुटाए भैया
भाभी दे पकवान।
करके होगा सातों फेरे
विदाई का रिवाज,
दुल्हन बनके प्यारी गुड़िया
आएगी कर लाज।
कितने सुंदर होते हैं
गुड्डे गुड़िया के खेल,
सीखें बच्चे लोक व्यवहार को
करके रस्म और नेग।