Jayantee Khare
Comedy Tragedy
मुहब्बत भी कोरोना सी हो गई है
कोई इलाज़ ढूंढे नहीं मिल रहा है
इधर हम आइसोलेटेड हैं
उधर अल्फ़ाज़ क्वारंटाइंड हैं
यादें कर्फ्यू तोड़कर चली आ रही हैं
तब भी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है
तेरा मेरा प्य...
ग़ुम हो जाऊं
क़ुदरत की उल्फ़...
अधूरे
आर या पार
मित्र दिवस
कोरोना के लिए...
कोरोना काल
घर में अब बसर...
कोरोना शायरी
तुम हर समय रचना को संवारते रहे। जब देखो अलपक उसे निहारते रहते। तुम हर समय रचना को संवारते रहे। जब देखो अलपक उसे निहारते रहते।
हिंदी में बातें करें हिंदी में करें काम, तब ही हिंदी पाएगी सम्मानित पहचान। हिंदी में बातें करें हिंदी में करें काम, तब ही हिंदी पाएगी सम्मानित पहचान।
प्यार का जवाब प्यार से देती, जो गुस्सा दिखाए उसकी बोलती बंद कर देती, प्यार का जवाब प्यार से देती, जो गुस्सा दिखाए उसकी बोलती बंद कर देती,
एक रात थी मैं सोई हुई खवाबो में थी खोई हुई। एक रात थी मैं सोई हुई खवाबो में थी खोई हुई।
जीजाजी हमारे किस्मत के मारे, बड़े ही खुश मिजाज सबके सहारे! जीजाजी हमारे किस्मत के मारे, बड़े ही खुश मिजाज सबके सहारे!
पर, किसी न किसी, 'दमयंती' को छोड़कर यह, कलियुगी 'नल' भी रोज़ चला जाता है ! पर, किसी न किसी, 'दमयंती' को छोड़कर यह, कलियुगी 'नल' भी रोज़ चला जाता है !
"रश्मि सिंघल" के सीधे चश्में में हो गया एक दिन बड़ा कमाल! "रश्मि सिंघल" के सीधे चश्में में हो गया एक दिन बड़ा कमाल!
शांत मन गुस्सा से भर जाता है पल में, बंदूकें खुद व खुद कांधे पर चढ़ जाती हैं। शांत मन गुस्सा से भर जाता है पल में, बंदूकें खुद व खुद कांधे पर चढ़ जाती हैं।
हे मेरी सहचरी मै तो गरीब ही भला , मुझे शहंशाह नही बनना है । हे मेरी सहचरी मै तो गरीब ही भला , मुझे शहंशाह नही बनना है ।
खेल रही होली से सारी चाली है, होली खेलन आई घर में साली है। खेल रही होली से सारी चाली है, होली खेलन आई घर में साली है।
तेरी काली - काली सूरत पे, पाउडर भी असर न करें, राख मल्ले, राख मल्ले। तेरी काली - काली सूरत पे, पाउडर भी असर न करें, राख मल्ले, राख मल्ले।
भोलेनाथ की भस्म है कविता और लेखक की कलम है कविता। भोलेनाथ की भस्म है कविता और लेखक की कलम है कविता।
आराम तू कर ले गिलहरी, सुबह काम तुझे है, बहुतेरे गिलहरी। आराम तू कर ले गिलहरी, सुबह काम तुझे है, बहुतेरे गिलहरी।
साली मेरी चुलबुली है, वह मेरी जान। हर पल रखती है वही, यारों मेरा ध्यान। साली मेरी चुलबुली है, वह मेरी जान। हर पल रखती है वही, यारों मेरा ध्यान।
कौन कहता है, जोड़ियाँ बनती, उपरवाले के घर। कौन कहता है, जोड़ियाँ बनती, उपरवाले के घर।
असर ऐसा हुआ दावत का लालाजी हुए बेहोश एक डॉक्टर था सिरहाने जब उनको आया होश। असर ऐसा हुआ दावत का लालाजी हुए बेहोश एक डॉक्टर था सिरहाने जब उनको आया होश।
मेरा हाथ जा के अटका, यूँ ही हल्की होती जेब पर मेरा हाथ जा के अटका, यूँ ही हल्की होती जेब पर
होली की मस्ती में हम तो भूले बैर। पार्टी देखो बदल रहे बन बैठे हैं गैर।। जोगीरा सा रा होली की मस्ती में हम तो भूले बैर। पार्टी देखो बदल रहे बन बैठे हैं गैर।। जो...
क्यों यह बात किसी ने बताई नहीं और मां ने भी समझाई नहीं। क्यों यह बात किसी ने बताई नहीं और मां ने भी समझाई नहीं।
आए दिन सुनता रहता हूँ पति पत्नी का झगड़ा। आए दिन सुनता रहता हूँ पति पत्नी का झगड़ा।