श्राद्ध मनाया जायेगा
श्राद्ध मनाया जायेगा
जीते जी तो किसी ने कोई त्यौहार न मनाया,
आज तो खुलकर देखो श्राद्ध मनाया जाएगा,
दो रोटी को भी न पूछा कभी किसी ने जिनको,
आज तो उनके लिए पकवान बनाया जायेगा,
रोशन माँ बाप के मन को समझ कभी न पाया,
मुंडेर बैठे काले कौवे को भरपेट खिलाया जायेगा।
