तेरी याद ने कवि बना दिया
तेरी याद ने कवि बना दिया
Prompt- 26
तुम्हारी यादों में बैठे हम
कविता बनाते चले गये।
एक तुम हो जो मेरे माथे से
अपनी लकीर मिटाते चले गये।
तुम्हें ना खबर इस बात की है
हम तो अपना सब कुछ
तुम पर लुटाते चले गये।
तुम्हारी यादों में बैठे हम
कविता बनाते चले गये।
किस्मत अच्छी नहीं वर्ना
हम भी किसी की याद होते
कोई मेरे लिये भी
लिखता चला जाता।
जिन्दगी ने किया है
ऐसा मजाक जाने क्यों?
कोई मुझे भी एक बार
अपना कहता चला जाता।
सबको तुम्हारी तारीफ़ों के
नगमे सुनाते चले गये।
तुम्हारी यादों में बैठे हम
कविता बनाते चले गये।
एक बार तो मुड़ के
देखा होता जाते जाते
कि बहुत वक्त लग गया
शरीर में जां आते आते।
तेरी तस्वीर को ही सामने रख
घरों को सजाते चले गये।
तेरी यादों में बैठे हम
कविता बनाते चले गये।