बोलती शिकायतें अच्छी हैं।
बोलती शिकायतें अच्छी हैं।
बोलती शिकायतें अच्छी है रूठी हुई खामोशी से।
तुम मुझे इक मौका मिले तो मैं तुम्हें मना लूंगा।
मुझे पता तो चले दिलरुबा कि मेरी खता क्या है।
जानशी मैं तेरे जो भी गिले-शिकवे हो मिटा दूंगा।
जिंदगी छोटी है वक्त है कीमती मैं तुझे देता हूं।
हिसाब अपनी इन सांसों का कोई न तुझ से लूंगा।
यह मेरा प्यार ही तू सबसे बड़ा उपहार समझ
दे सके तू अगर एवज में सम्मान मैं तुझसे लूंगा।
तुम मुझे प्यार करोगी तो मैं रहूं सदा तेरे दिल में।
जिंदगी तुम्हारी प्रिये खुशियों से मैं महका दूंगा।
मुझे तुम अगर करोगी नफरतें भी ए जाने जिगर।
फितूर बन के दिमाग में तेरे आशियां मैं बना लूंगा।

