आज
आज
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कैसे सुनू मैं दिल की बात आज
हर एक धड़कन निशब्द आज।
मन मग्न मौन और स्थिर आज
बैठा ऐसे, नहीं कोई काम आज।।
राह उसकी देख रहा हूँ आज
उसे ही मैने मैं, मान लिया आज।
मुझ को, मुझ में, मैने पाया आज
मैं तु, तु मैं, ऐसा मैने जाना आज।।
घिरा तेरे बाहों में हूँ ऐसे आज
जैसे उपजा तुझी में फिर आज।
नाचता थिरकता तुझी में आज
मन मग्न ऐसा हुआ शांत आज।।
रुप खिला मेरा, देख तुझे आज
तन मन चंदन सा महके आज।
सुन्दरता सब मुझ में है आज
स्वरुप मेरा तुझ सा हुआ आज।।