कल्पनाओं में तुझे निहारूँ बहकता फिरूँ गली-गली कल्पनाओं में तुझे निहारूँ बहकता फिरूँ गली-गली
'घिरा तेरे बाहों में हूँ ऐसे आज, जैसे उपजा तुझी में फिर आज, नाचता थिरकता तुझी में आज,मन मग्न ऐसा हुआ... 'घिरा तेरे बाहों में हूँ ऐसे आज, जैसे उपजा तुझी में फिर आज, नाचता थिरकता तुझी मे...