लहरों सा आना जाना, मुझको नहीं भाता है, कैसे मैं कहूँ, उनसे मिलना मिट जाना है, पलकों पे बिठाए हैं, वो... लहरों सा आना जाना, मुझको नहीं भाता है, कैसे मैं कहूँ, उनसे मिलना मिट जाना है, पल...
कितने बात थे हमारे दिल में तू सामने थी पर मैं कह न पाया। कितने बात थे हमारे दिल में तू सामने थी पर मैं कह न पाया।
हमने दे दिया है ये हक़ तुम्हें, तुम जब चाहो ज़ख्म करो, जब चाहो मरहम करो। हमने दे दिया है ये हक़ तुम्हें, तुम जब चाहो ज़ख्म करो, जब चाहो मरहम करो।
उसका हाथ मेरे हाथ में था ये काफ़ी था मुझे...मेरा सिर उसके कन्धे पर था ये लाज़मी था उसे.... उसका हाथ मेरे हाथ में था ये काफ़ी था मुझे...मेरा सिर उसके कन्धे पर था ये लाज़मी ...
खुशियों की तरह फैलने लगे रंग दिन उगने लगा धीरे धीरे। खुशियों की तरह फैलने लगे रंग दिन उगने लगा धीरे धीरे।
फिर लगता है चाँद से ही साझेदारी कर लूँ फिर लगता है चाँद से ही साझेदारी कर लूँ