कैसे, कहाँ, पता नहीं मगर मैं तुम्हें हर कदम पर मिलूंगी। कैसे, कहाँ, पता नहीं मगर मैं तुम्हें हर कदम पर मिलूंगी।
हवाओं के नाम बस कोई पैगाम ही करना। हवाओं के नाम बस कोई पैगाम ही करना।
लहरों सा आना जाना, मुझको नहीं भाता है, कैसे मैं कहूँ, उनसे मिलना मिट जाना है, पलकों पे बिठाए हैं, वो... लहरों सा आना जाना, मुझको नहीं भाता है, कैसे मैं कहूँ, उनसे मिलना मिट जाना है, पल...
ऋतुएँ हो पुलकित या उदास साक्षी बन खड़ा है मेरे आँगन का ये अमलतास ऋतुएँ हो पुलकित या उदास साक्षी बन खड़ा है मेरे आँगन का ये अमलतास
सिहर जाता है मन एक अनजाने डर से डर, तुम्हें खोने का डर सपने टूटने का डर लहरों में बि... सिहर जाता है मन एक अनजाने डर से डर, तुम्हें खोने का डर सपने टूटने का...
किस प्यास को बुझाना है ये ज़िन्दगी ऐसा ही फसाना है। किस प्यास को बुझाना है ये ज़िन्दगी ऐसा ही फसाना है।