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Shweta Misra

Romance

3  

Shweta Misra

Romance

अमलतास

अमलतास

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छुअन तुम्हारे शब्दों की 

उठती गिरती लहरें मेरे मन की 

ऋतुएँ हो पुलकित या उदास 

साक्षी बन खड़ा है मेरे

आँगन का ये अमलतास


गुच्छे बीते लम्हों के

तुम और मैं धार समय की 

डाली पर लटकते झूमर पीले-पीले 

धूप में ठंडी छाया नहीं मुरझाया

मेरे आँगन का अमलतास


सावन मेरे नैनों का 

फाल्गुन तुम्हारे रंगत का 

हैं साथ अब भी भीगे चटकीले पल 

स्नेह भर आँखों में फिर मुस्काया

मेरे आँगन का अमलतास



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