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Neeraj Mishra

Inspirational

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Neeraj Mishra

Inspirational

तू चला चल

तू चला चल

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बंधन सारे खोल कर,

थोड़ा नाप तोल कर,

अब मन बस तू चला चल।

ना रहे कोई इस तरफ,

या फिर कोई उस तरफ,

अब मन बस तू चला चल।


दूर कोई शहर है क्या,

बसूँ लेकर दिल एक नया,

रुकना नहीं वहाँ भी बस तू चला चल।

उस अपने रुप के छाँव में,

मेरे नाम के ही उस गाँव में,

रुकना नहीं वहाँ भी बस तू चला चल।


हरदम लगता है एक मेला,

सबने यहाँ सुख-दुख झेला,

खोना नहीं यहाँ कभी बस तू चला चल।

अपने को खुद से जोड़ कर,

मैं का अहम थोड़ा तोड़ कर,

खोना नहीं यहाँ कभी बस तू चला चल।


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