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Neeraj Mishra

Inspirational

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Neeraj Mishra

Inspirational

साथ देता रहा तू

साथ देता रहा तू

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उजाला होगा इतना कहाँ था पता,

कि मन का दर्पण चमक जाएगा।

दोस्ती की ये लहर उठेगी कुछ ऐसे,

नहीं जानता था रुप निखर जाएगा।


दोस्ती के पल ऐसे अनमोल हो गए,

तुझे देखा और सब बेमोल हो गए।

जीतने के चक्कर में, मैं गया था मारा,

तेरी रोशनी ऐसी कि तू जीता मैं हारा।


अकसर ही टूटता बिखरता है ये दिल,

हर बार दोस्ती में सुकुन जाता है मिल।

अब तो रुप कुछ ऐसा मोहक है तेरा,

दिया सब कुछ तुझको अब ना कुछ मेरा।


किसकी तरफ देखते हैं हम अकसर,

जब डूबने लगे और ना मिले किनारा।

बेमतलब ही मैं बात नहीं समझ पाया,

साथ देता रहा तू और रहा मेरा सहारा।


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