jhuthi tarifen
jhuthi tarifen
ना महबूब का मुंह चांद सा टेढ़ा कहना।
अगर सच जान गई तो डंडे पड़ेंगे वरना
अपनी जानू को ना रसगुल्ला जलेबी कहना।
उसकी आंखों को न हिरनी सी आंखें कहना।
उसकी चाल को नागिन सी चाल ना कहना।
उसके बालों को घटाओं का जाल ना कहना।
वह समझदार है तेरी चाल समझ जाएगी।
फसाने को बिछाया है ये जाल समझ जाएगी।
बड़ी खूंखार है वह चप्पलों से खेलेगी।
तेरे पापा तेरी अम्मी की खबर ले लेगी
यही अच्छा है की चुपचाप नमस्ते कर ले।
जोड़ के हाथ राह अपने घर की धर ले
शिवा
भोपाल
