मेरा वही खिलौना।
मेरा वही खिलौना।
टूटा हुआ खिलौना कोने में पड़ा देखा।
टूटा हुआ शीशा ज्यों फ्रेम जड़ा देखा
फिर याद आ गया बचपन का जमाना
मेरा वही खिलौना यादों में बड़ा देखा।
सब चाहते हैं पाना रंगीन एक खिलौना।
टूटा खिलौना अक्सर कचरे में पड़ा देखा।
दिल को समझ खिलौना ठोकर लगा गए ।
बिखरे हुए टुकड़ों को होके खड़ा देखा।
दुनिया सलाम करती उगते हुए सूरज को
डूबते हुए सूरज को सागर में पड़ा देखा।
शिवा
भोपाल
