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S N Sharma

Abstract Classics Inspirational

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S N Sharma

Abstract Classics Inspirational

जिंदगी गुरु बनी।

जिंदगी गुरु बनी।

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जब किताब  हाथ में ली नींद आती ही रही
जिंदगी गुरु बनी और हमें सिखलाती रही।

  लोग आए, साथ बैठे राह बदली, चल दिए।
पर जिंदगी रूकी नहीं ,राह दिखलाती रही ।

सबक मुस्कानों से सीखा आंसुओं से मिले रास्ते।
ठोकरें भी गुरु बनकर कुछ नया सिखलाती रहीं।

हर दर्द ने रास्ता दिखाया अनुभवों ने कुछ गढ़ा।
हर मोड़ पर जिंदगी कुछ नया करवाती  रही।

हर पल, हर रास्ता ,हर चुनौती, नई सीख है।
यही सीखें मुझको ,मुझसे बेहतर बनाती रहीं।

यह सभी तो मेरे गुरु है उनको मेरा है नमन।
जिनकी सीखें   हर पल आगे बढ़ाते ही रहीं।

शिवा
भोपाल


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