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RUCHI mudgal

Abstract

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RUCHI mudgal

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बातें

बातें

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जो पहले मेरे से बाते करे नही रहती 

आज वो भी मेरे से बातें नही करती

शायद अब वो वाली बात, साथ, रिश्ता नहीं

जो हमारे दिल मे दबे सवालो को कर दे सही.. 

वो पल आज भी या आते है


लेकिन आँसू पानी बनकर बह जाते है

वो जो मेरे से अपना दर्द रोकर हल्का करती थी

कोई भी परेशानी मे मुझे कॉल करती थी

वो जो मेरे साथ हर रोज फोटो खीचा करती थी

वो पल जब हम साथ मे कॉलेज जाते समय.. 

भेलपुरी खाते थे.. 


उसका और मेरा टेस्ट भी था सेम

लेकिन इन दूरीयो ने दिलों मे कर दिये है वेहम

पता नही अब तो सब लगता है अजीब

जैसे दो कर रहे बाते अजनबी

उसे लगता है की अब नही है वो मेरी दोस्त

क्योंकि उसके जिंदगी मे आ गए है नए दोस्त

वह उसका है भ्रम... 


क्योंकि जो है मेरा उसके साथ रिश्ता

वह कभी नही है नही था, इतना सस्ता...


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