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RUCHI mudgal

Abstract

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RUCHI mudgal

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दोस्ती

दोस्ती

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तेरा साथ

मेरा हाथ

नहीं छूटेगा


नहीं टूटेगा

नहीं बटेगा

किसी के साथ

मान छोटी बाते बड़ी हो जाती है


लेकिन साथ होकर

वह भी हल हो जाती है

पता नहीं क्य रिस्ता है


न होकर भी अपना लगत है

चाहे दूर हो कितने फिर भी होते है पास

हमारी दोस्ती है इतनी ख़ास।          


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