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Gurudeen Verma

Abstract

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Gurudeen Verma

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शिक्षित बनो शिक्षा से

शिक्षित बनो शिक्षा से

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(शेर)- जैसे आँखों बिन है अंधेरा, वैसे ही शिक्षा बिन अंधेरा है।

शिक्षा से ही होता है दूर अंधेरा, शिक्षा से ही होता सवेरा है।।

शिक्षा है दूध शेरनी का, जो देती है ताकत और रोशनी इंसान को।

शिक्षा से ही टूटती है गुलामी की बेड़ियां, शिक्षा से ही रोशन होता बसेरा है।।

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शिक्षित बनो शिक्षा से, शिक्षित अपना देश करो।

शिक्षा से अज्ञानता का, तुम अंधेरा दूर करो।।

शिक्षित बनो शिक्षा से-----------------।।


पढ़ सकोगे तुम किताबें, तुम अगर होंगे शिक्षित।

लिख सकोगे अपनी बातें, शिक्षा से तुम बनकर शिक्षित।।

आँख तीसरी है शिक्षा, ऐसा तुम प्रचार करो।

शिक्षित बनो शिक्षा से------------------।।


अशिक्षित अगर होंगे, तुमको लूटेगा हर कोई।

लगवाकै अंगूठा गलत जगह, बर्बाद करेगा हर कोई।।

अपना घर और समाज, शिक्षा से जागृत करो।

शिक्षित बनो शिक्षा से----------------।।


शिक्षित होकर शिक्षा से, शेरनी की तरहां दहाड़ोगे।

शिक्षा से संगठित कर सबको,बेड़ियां गुलामी की तोड़ोगे।।

बनकर शिक्षित देश-समाज, कुरीतियों से मुक्त करो।।

शिक्षित बनो शिक्षा से------------------।।


शिक्षित होकर ही बनोगे, बड़े - बड़े अधिकारी तुम।

बिना शिक्षा नहीं पा सकोगे, नौकरी सरकारी तुम।।

होकर शिक्षित देश- समाज, विश्व में रोशन करों।

शिक्षित बनो शिक्षा से-------------------।। 


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