पायल
पायल
कान्हा के पैरों की पायल, करती है गोपियों के मन को घायल l
गजब कृष्णा की मनमोहक मुस्कान, कौन नहीं इसका कायल l
नटखट कान्हा छुप छुप जाए, मैया बेचारी उसको ढूंढ ना पाए l
मैया ने सोचा तब यह उपाय, कान्हा को सुंदर पहना दी पायल l
शरारत करके कान्हा छुप ना पाए, पता झट बताये उसकी पायल l
जहाँ भी जाए छम- छम बजती, कभी चुप नहीं रहती बैरन पायल l
गोपियां आड़ में झट छुप जाए, कन्हैया की आहट जब बताएं पायल l
साथियों को कृष्णा जब माखन खिलाएं, तब ना बजती यह पायल l
जब कन्हैया माखन का भोग लगाएं, तब बजे चंचल बैरन पायल l
कृष्णा कहीं भी आए - जाए , छन- छन खुश हो छनके पायल l