प्रेम
प्रेम


रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरूरी है l
जहां प्रेम है वहां विश्वास है l
जहाँ विश्वास है वहां समर्पण है l
प्रेम में कोई स्वार्थ नहीं होता है l
प्रेम स्वतः ही परमार्थ होता है l
जहां प्रेम है वहां सद्भाव है l
सद्भाव में ही कल्याण है l
रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरूरी है
प्रेम जीवन का आधार है l
प्रेम परमात्मा का उपहार है l
प्रेम एक पवित्र एहसास है l
प्रेम अपनेपन का राज है l
प्रेम दिलों का सरताज है l
प्रेम समर्पण का आधार है l
रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेम जरूरी है l
प्रेम फूलों की खुशबू, प्रेम बसंत की ऋतु है l
प्रेम सूरज की किरण, प्रेम चंद्रमा की शीतलता है l
प्रेम धरती की सहनशक्ति, आकाश की निर्मलता है l
प्रेम जल की मिठास, प्रेम जीवन वायु स्वास हैl