सपने
सपने
क्यों तूने छोड़े, सपने वो तेरे
दुनिया को जो था बदलाना
बहुत दूर ना था जो बस हो चुका
अगर मुड़के के देखा न होता
सोचो अगर तुम, जब चलना सिखो
रुक जाते यू थोकरो से
क्या मिलती तुम्हें वो खुशी दोड की जो,
पहला था जिसमे पोहचना
जीते कहा है हम सारे दोड़े,
बीएस भगने का मजा था
क्यों तू छोड़े, सपने वो तेरे
दुनिया को जो था बदलाना।