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Anita Sharma

Drama Romance Tragedy

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Anita Sharma

Drama Romance Tragedy

ख़ामोशी में शोर

ख़ामोशी में शोर

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इस ख़ामोशी में शोर क्यों है,

दिल में उभरता दर्द पुरजोर क्यों है,

तुमसे दिल का लगाना दिल्लगी बन गया,

आखिर अपना रिश्ता इतना कमज़ोर क्यों है !


इस ख़ामोशी में शोर क्यों है

इस टीस का दर्द मुँहजोर क्यों है

क्यों बेगैरत लगने लगे सवालात मेरे अब

अश्कों की मोहताज नयनों की कोर क्यों है !


इस ख़ामोशी में शोर क्यों है

बंधे जज़्बातों की छूटती डोर क्यों है

झूठे वादों का कारवां शायद ठहर गया है

मंद उठती सदाओं में आंधियों सा ज़ोर क्यों है।


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