मानव जीवन
मानव जीवन


मानव जीवन है अनमोल इसे ना व्यर्थ गवाइये l
सदा खुश रहे, सबको खुशियां जी भर लुटाइये l
बहुत जी चुके गमगीन होकर, सारे गम भुलाइये l
देकर किसी को तकलीफ, अब और ना रुलाइए l
कड़वे, दुख दाई पलों का बोझ दिल से अब हटाइए l
खुशनुमा पलों को याद कीजिए और मुसकुराइए l
मानव जीवन................... जी भर लुटाइए l
रिश्तों में पड़ी दरार को प्रेम, स्नेह से भरते जाइये l
संस्कृति, सभ्यता रिश्तों की मर्यादा बच्चों को समझाइए l
कर्तव्यों से मुंह बिचका कभी ना पल्ला झाड़िये l
जो मिली जिम्मेदारी मिले हंस कर उसे निभाइये l
मानव जीवन................... जी भर लुटाइए l
असहायों, दुखियों को कभी ना बेवजह सताइए l
चाहे कितनी भी कठिन
हो सत्य राह चलते जाइए l
मानव जीवन पाया मानवता का धर्म निभाइये l
प्रकृति का सम्मान करें इसको हरा-भरा बनाइएl
मानव जीवन................... जी भर लुटाइए l
जो बांटोगे वही पाओगे इस बात को ना भुलाइए l
जीवन में खुशियां पाना है तो खुशियां ही लुटाइए l
बोना ना किसी के पथ में कांटे, बैर भाव भुलाइए l
अपने-पराए भूलकर सबको प्रेम से गले लगाइए l
मानव जीवन................... जी भर लुटाइए l
कर्म कर, धर्म पथ पर चल सेवा धर्म निभाइए l
सच्ची आस्था रख, मन में प्रभु का ध्यान लगाइएl
अमूल्य है यह मानव जीवन इसको सफल बनाइए l
मानव तन का मिला वरदान इसे ना व्यर्थ गवाइए l
मानव जीवन................... जी भर लुटाइए l