सच हार गया
सच हार गया
378 दिनों से दिल्ली की सड़कों पर
अराजकता का बोलबाला रहा था
तानाशाही, गुंडागर्दी, बकलोली, नौटंकी
सब कुछ बड़े आराम से चल रहा था
परेशानी तो दिल्ली वालों ने उठाई थी
मुफ्तखोरी की सजा आखिर पाई थी
वर्दी पर आक्रमण किया गया
राष्ट्र ध्वज का अपमान हुआ
एक लड़की का बलात्कार हुआ
एक नौजवान का हाथ काटकर
सरेआम फांसी पर लटकाया गया
टोल प्लाजाओं पर धींगामुश्ती की गई
एक दल के माननीयों से धक्का मुक्की की गई
ट्रेक्टर रैली के रूप में गजब की हिंसा हुई
बीच सड़क पे अराजकता के कारण
मां भारती रोज रोज शर्मसार हुई ।
सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए
हत्या, बलात्कार के मुकदमे वापस ले लिये
मृतकों को मुआवजा भी दिया जा रहा है
कर दाताओं पर और कर लगाने को तैयार हुये
सच हार गया और झूठ की जीत हुई
कानून व्यवस्था चौपट अराजकता जीत गई
न्याय के देवता आंखें मूंदकर बैठे रहे
गुंडई नंगा नाच करके सबको मुंह चिढ़ाती रही
अराजकता का नया रास्ता खुल गया
वोटों की राजनीति में सब कुछ ध्वस्त हो गया
सरकारों को झुकाने के लिए नया तरीका ईजाद हुआ
सच हार गया और षड्यंत्र कामयाब हो गया