शब्दों की मर्यादा
शब्दों की मर्यादा
मर्यादा रखना शब्दों अपने
देखों कभी न छूटें यें
तीर से ज्यादा घाव है करते
प्राण तक ले लेते यें।।
शब्द-शब्द का अर्थ गहरा है
क्रोध में समझ न आता यें
जाने क्या-क्या कह जाते हम
जाने क्या-क्या करवा देते यें।।
शब्द है निकल जाते हैं
न बात कभी भी छोटी यें
किसी को अपना हमदर्द बनाते
देते जीवन को नर्क बनाते यें।।
मीठी बोली, मीठे शब्द
जोश, उंमग जगाते यें
शत्रु भी अपने मित्र है बनते
जब अपना प्रभाव दिखाते यें।।
