चंद्रगुप्त मौर्य
चंद्रगुप्त मौर्य
चन्द्रगुप्त मौर्य-एक राष्ट्र निर्माता
कोई कहता क्षत्रिय उसको
कोई कहता था भील
उसकी क्षमता इसमें जानों
वह था अद्भुत वीर।।
तख़्ता पलट दिया सत्ता का जिसने
गुरु चाणक्य साथ गुणधीर
भारत माँ की डूबती नैया
वहीं लगाये तीर।।
मुरा माता की कोख से जन्मे
पिता जिसके महावीर
मयूर जनजाति से संबंध जिनका
अखंड भारत को ले गमगीन।।
उच्छिन किया धनानन्द को
जब जनता की हालत दीन-हीन
धन-लोलुपा में पागल हो गया
रहती नररक्त की प्यासी शमशीर।।
बंधक बनाया सेल्यूकस को
जिसकी नियत नहीं थी ठीक
मुक्त हुआ भारत यवनों की दासता
राजा चन्द्रगुप्त धीर, वीर-गंभीर।।
राजा परवर्तक से हाथ मिलाया
पुरू ने सिकंदर को पटकनी, दी
मौर्य वंश की स्थापना कर
स्थिति सुदृढ़ भारत की, की।।