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Phool Singh

Drama Classics Inspirational

4  

Phool Singh

Drama Classics Inspirational

परीक्षा

परीक्षा

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कितनी परीक्षा कैसी परीक्षा

परीक्षा तो हर ओर है

जीवन होता बडा़ अनोखा

जहाँ परिवर्तन की सरकार है।।


पल में रोना पल में हँसना

उलझने बडी़ बेकार है

एक से निकलों दुसरी उलझे

ताने भी अपरम्पार है।।


करने वाला गालियाँ खाता

किस्मत वाले भी परेशान है

हर गढ़ी यहाँ परीक्षाओं से गुजरती

बस यही जीवन का सार है।।


उठक-बैठक तो चलती रहती

इसमें डरने वाली क्या बात है

खुशी से अपना जीवन जी लों 

जब तक शरीर में जान है।।


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