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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

नेक इरादे

नेक इरादे

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जिन लोगो के होते है, नेक इरादे

वो निभाते है, सच मे अपने वादे

जिनके हृदय में छुपे हुए है, कांटे

वो यहां कभी फूल नही है, उगाते


उनसे मत रख, साखी रिश्तेनाते

जो यहां झूठ, अधर्म के गुण गाते

आज सत्य के हो गये है, सन्नाटे

अंधेरे लोगों को बहुत है, भाते


आज बहुत लंबी हो गई है, राते

भोर में सब लोग ले रहे है, खर्राटे

जिसने सत्य को चढ़ाया है, माथे

वो पाता है, रब से अच्छी सौगातें


वो पत्थर एक रोज हीरे बन जाते

जो करते, परिश्रम की नित बातें

जो दिल में सत्य झांकी, सजाते

वहां होती है, भक्ति की बरसाते


जो लोग नेकी की कमाई है, खाते

वो एकदिन फ़लक तक झुकाते

जिन लोगों के होते है, नेक इरादे

वो निभाते है, खुद से किये वादे


उन्हें होगी, यहां खुद से शिकायतें

जो यहां बेईमानी से पैसा, कमाते

जो ईमानदारी के पसीने में नहाते

उनके लिए सफलता दरवाजे खुल जाते।


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