मेरी डायरी
मेरी डायरी
सुनो, तारीख़ तो मुझे याद नहीं,
मगर वो एक-एक लम्हा जैसे अब भी मेरे साथ हैं,
ना जाने कब गुजर गए वो इश्क के महीने,
वो पहली मुलाकात आज भी मुझे याद है
मानव जैसे कल की ही बात है ये जादू है
तेरे इश्क का या मुझे नशा हो गया है
तेरे सिवा हर शख्स क्यूँ,
मुझे धुँधला नज़र आता है।।
आशिक है तेरे सदियों से हम...
इतनी मोहब्बत किसने की है सनम...
हद से ज्यादा चाहा है तुमको हमनें...
मांगे तू जान भी तो पीछे हटेंगे ना मेरे कदम।।
अच्छे लोग हमेशा साथ रहते हैं
दिलों में हैं दुआओं में
और आप उनमें से एक हो।।
लोग कहते हैं मरने के बाद....
कुछ साथ नहीं ले जा सकते ...
लेकिन मैं लेकर जाऊंगा तुम से
अगले जन्म में मिलने का ख्वाब।।
यूँ तो मेरे रूह तक में बसे हो तुम,
फिर भी तुम्हारा मेरे माथे को
चूमना मुझे सुकून दे जाता है।।
आज सोचा था कि तुझे याद नहीं करेंगे
और फिर बारिश शुरू हो गई।।
मोहब्बत है आपसे बेशक नाराजगी हो
सकती है पर नफ़रत कभी नहीं...!!
तुम्हें मालूम हैं! मुझे तुमसे तोहफ़े में...
डायरी चाहिए थी, जानते हो क्यों...
जब तुम मेरे पास ना रहो तो तुझे
लिखकर आपने पास रख लूं।।