गुरु एक वरदान
गुरु एक वरदान
धरती पे, गुरु एक वरदान।
है दुनिया को अभिमान।
करूँ हर पल नमन इनको,
यही हमारे हैं मान-सम्मान।
पत्थर तराश कर हीरा बनाते,
सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाते,
भटक जाए जब कोई राहों से,
हाथ पकड़कर कर सही राह पहुँचाते।
गुरु का आशिष् करे जीवन उद्धार,
डूबी हुई नैय्या का हो बेड़ा पार,
समाज सेवक बन सेवा सिखाते,
नित नए दिन लाए नए विचार।
अर्जुन जैसा तीरंदाज़ बनाया,
पी टी उषा ने भी नाम कमाया,
युग-युगांतर से देते आये आयाम,
हर युग में भविष्य दिखाया।
बेसुरों को भी सिखाते लय,
गुरु हो साथ तो नहीं लगता भय,
हवाओं में दीप जलाना सिखाते,
कोटी-कोटी नमन करता हृदय।