कृष्ण प्रेम
कृष्ण प्रेम
जिसका रंग सांवला, महज न वो एक ग्वाला है।
सबको समझाकर, सबको साथ रखने वाला है।
अंधेरों में जन्मा जरूर, पर देता सबको उजाला है।
यशोदा मां और नंद का लाला है।
माखन चोर और कहते उसे गोपाला है।
वृंदावन और मथुरा को आनंदमय कर डाला है।
वो जिसकी कला का नजरिया सबसे निराला है।
जिन्होंने सबको अपने रूप में मोह में डाला है।
श्रीकृष्ण जिनका नाम है और बोलो जय गोपाला है।
एक हाथ में कमल और दूसरे हाथ में सुदर्शन चक्र जिसने रख डाला है।
इस वसुंधरा का जो रखवाला है।
राधे राधे