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Ankita Singh

Drama

4  

Ankita Singh

Drama

सोच

सोच

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160

क्या में बोलू इस दुनिया के बारे में

सोचूँ तो लगता है कौन अपना कौन 


अपने बनने का दिखावा कर रहा

ये दुनिया है जो तुझे उस मंजर में फँसा देगी


जहाँ तू टूट जाएगा फिर

बोलेगी बाँदा था कि कमजोर


अब दुनिया को क्या कोसूँ जब खुद की सोच में 

काला तिल है आज खुद से नाराज़ हूँ


कि सोचती क्यों हूँ इतना मैं।


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