सबेरे का भूला शाम को घर आये तो उसे भुला नहीं कहते हैं। सबेरे का भूला शाम को घर आये तो उसे भुला नहीं कहते हैं।
ना हमसफर ख़ोज ना किसी हसीन पे मर। ना हमसफर ख़ोज ना किसी हसीन पे मर।
तराना इस दिल का सारी रुकावटों को भेद देगा और नज़राना वो तिल अनदेखी करवट अभेद लेगा तराना इस दिल का सारी रुकावटों को भेद देगा और नज़राना वो तिल अनदेखी करव...
तू बना दे सबसे सुंदर चित्र इस संसार का। तू बना दे सबसे सुंदर चित्र इस संसार का।
माघ महीने की देखो शान, भारत की है यही पहचान ! माघ महीने की देखो शान, भारत की है यही पहचान !
तुमसे इज़हार ए हिमाकत की तो तुमने ही दोनों से वाकिफ़ कराया।। तुमसे इज़हार ए हिमाकत की तो तुमने ही दोनों से वाकिफ़ कराया।।