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Dr.rajmati Surana

Abstract

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Dr.rajmati Surana

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कभी हार नहीं होती

कभी हार नहीं होती

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कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है, 

अपनी खाल में मस्त रहने वालों की जिदंगी खुशहाल होती हैं।


कहता है जमाना एक और एक ग्यारह होते हैं, 

रेल के किले मुबारक उनको जो ख्वाब में जीते हैं।


अपना चिलम भरने के लिए लोग अपना ही घर जला दिया, 

आग बबूला होकर इंसान ने खुद को ही भूला दिया।


तिल के ताड़ बनाना अब तो छोड़ दो तुम, 

गिरगिट की तरह रंग बदलने की कोशिश छोड़ दो तुम।


बारह बरस पीछे घूरे के दिन आते हैं ऐसा सब कहते हैं, 

सबेरे का भूला शाम को घर आये तो उसे भुला नहीं कहते हैं।


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