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Dr.rajmati Surana

Abstract

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Dr.rajmati Surana

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बिखर गए हैं हम

बिखर गए हैं हम

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बिखर गए हैं हम

ईश्वर हमें तेरी पनाह में रखना

खो गये हम ना जाने कहाँ

हम पर वरद हस्त रखना।


दूर तलक छाई वीरानगी

उम्मीदों के मंज़र है बिखरे

मंजिलों का ना रहा कोई पता 

गुमनाम हो जाऊं ऐसी कृपादृष्टि रखना।


परिंदो की चहक जब सुनी तो

दिल को बडा सुकून सा मिला 

कफस बन कर रह गई है जिदंगी 

जिदंगी को कैद से आजाद रखना।


हे भगवन् जब भी तुझे पुकारूँ 

मैं फरियाद ले तेरी चौखट पर आऊँ 

नादान हूँ मेरी अरदास कबूल कर 

हर लम्हा मुझे तू बस महफ़ूज रखना।


बिखर गए हैं हम

ईश्वर हमें तेरी पनाह में रखना।


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