नीलाम होने दो यार
नीलाम होने दो यार
अपनी मदहोश नजरों में मुझे नीलाम होने दो यार,
खुश हो जाये जिदंगी मेरी ऐसा अंजाम होने दो यार ।
रहता है शहर मै कौन दर्द के मारों के बीच,
चाँद सितारों के शहर में सुहानी शाम होने दो यार ।
कभी हमारे आशियाने में भी तशरीफ़ लाया करो,
फ़कीरों के डेरे में भी रौनकें आम होने दो यार ।
आज उसने छेड़ा है जाम- ए -मस्ती का जाम यहाँ,
छलकने दो ऑखों से यूँ ही जाम कोहराम होने दो यार ।
दिल की तलब तो देखिये महफ़िल में आज आये वो याद,
लगी इश्क की सट्टेबाजी हमें बदनाम होने दो यार ।
ऐ सागर थम भी जा दिल बहुत घबराने लगा है अब,
खाली है अभी जाम छूने दो लबों को गुलफाम होने दो यार ।
जिदंगी में "राज" को सारी खुशियाँ किराये की मिली,
कोई बात नहीं खराब जमाने के हमें गुलाम होने दो यार ।।