बिखर गए हैं हम
बिखर गए हैं हम
बिखर गए हैं हम.... .......
ईश्वर हमें तेरी पनाह में रखना ,
खो गये हम ना जाने कहाँ .....
हम पर वरद हस्त रखना ।
दूर तलक छाई वीरानगी...
उम्मीदों के मंज़र है बिखरे,
मंजिलों का ना रहा कोई पता,
गुमनाम हो जाऊं ऐसी कृपादृष्टि रखना ।
परिंदो की चहक जब सुनी तो,
दिल को बडा सुकून सा मिला,
कफस बन कर रह गई है जिदंगी,
जिदंगी को कैद से आजाद रखना ।
हे भगवन् जब भी तुझे पुकारूँ,
मै फरियाद ले तेरी चौखट पर आऊँ,
नादान हूँ मेरी अरदास कबूल कर,
हर लम्हा मुझे तू बस महफ़ूज रखना ।
बिखर गए हैं हम .............
ईश्वर हमें तेरी पनाह में रखना ।।