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Dr.rajmati Surana

Drama

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Dr.rajmati Surana

Drama

ऐसा नहीं कि मुझे चाँद चाहिए

ऐसा नहीं कि मुझे चाँद चाहिए

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ऐसा नहीं कि आज मुझे चाँद चाहिए,

वतन में हो खुशहाली मुझे विश्वास चाहिए ।


ये जमी ये आसमां ये वतन मुश्किल में है ,

जन जन के चेहरे पर मुझे मुस्कान चाहिए ।


रहो सभी अपने घरों में महफ़ूज आज ,

वक्त की मांग मुझे आज सभी का साथ चाहिए ।


ये मत समझो की घर की चारदीवारी में कैद हो तुम,

अमन चैन की बहार लौट आए ऐसी मुझे बात चाहिए ।


लौट आयेगी फिर से सभी के दरख्तो में रौनकें,

जन्नत बन जायेगी धरा मुझे सुन्दर संसार चाहिए ।


परिंदो की चहक से आज थोड़ा रूबरू हो जाओ,

पंख तुम भी फैला लेना अभी तो मुझे मकान चाहिए ।


जिसने भी सुना इस बीमारी के बारे मे तो रोने लगे,

ये शहर बदनाम हुआ अफवाहों से मुझे दुआ सलाम चाहिए।


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