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Parvesh Kumar

Drama Romance Classics

4  

Parvesh Kumar

Drama Romance Classics

" सिर्फ़ तुम "

" सिर्फ़ तुम "

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एक तुम ही हो, 

जिसको हम अपना कहते हैं, 


एक तुम ही तो हो, 

जिसके दिल में हम रहते हैं !


जहाँ में जीते हैं, 

जिसके लिए, वो सिर्फ़ तुम हो, 


वो तुम ही तो हो, 

जिसके वास्ते हम मरते हैं !


एक ख़ुशी है, 

जिंदगी में, वो भी तुम से है, 


वरना किस्मत में, 

मेरी गम हज़ार रहते हैं !


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