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Parvesh Kumar

Romance Tragedy

3  

Parvesh Kumar

Romance Tragedy

आज फिर उसकी याद आई !

आज फिर उसकी याद आई !

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आज फिर उसकी याद आई, 

वो है मेरे अतीत की परछाई !


काली काली आँखें उसकी, 

थी गोरी गोरी बाहें, 

एक बार जो देखे कोई, 

बस देखता रह जाए, 

लंबी लंबी जुल्फों में झलकता, 

उसका चेहरा प्यारा, 

काली घटाओं में जैसे हो, 

चंदा का उजियारा, 

आसमान से जैसे कोई, 

परी उतर के आई !


आज फिर उसकी याद आई, 

वो है मेरे अतीत की परछाई !


पहली बार पनघट पर, 

जब मैंने उसको देखा, 

अपने हाथ पर खींच ली मैंने, 

उसके नाम की रेखा, 

नज़र मिली जब उससे मेरी, 

मैं तो हुआ दीवाना, 

याद में उसकी लगा तड़पने, 

जैसे शम्माँ का परवाना, 

पहली नज़र में थी वो यारों, 

मेरे मन को भायी !


आज फिर उसकी याद आई, 

वो है मेरे अतीत की परछाई !



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