कहाँ हो कविता आखिर हो कहाँ मुझे तो लगता है तुम हर जगह हो हर किसी का सपना हो या हो क... कहाँ हो कविता आखिर हो कहाँ मुझे तो लगता है तुम हर जगह हो हर किसी क...
घास फूस के तिनकों से बना मेरा घर मुझे याद आता है। घास फूस के तिनकों से बना मेरा घर मुझे याद आता है।
मित्रता भरोसा है विश्वास है, मित्र न्याय का अहसास है। मित्रता भरोसा है विश्वास है, मित्र न्याय का अहसास है।
उजियारा पूरब से आया, भँवरा गुनगुन गाता है उजियारा पूरब से आया, भँवरा गुनगुन गाता है
साथ नंद का लाल मुरली बुलाती हमको जिसकी नित्य पनघट पे। साथ नंद का लाल मुरली बुलाती हमको जिसकी नित्य पनघट पे।
मैं बहता हूँ बनकर दरिया, ओसों की बूंद बरसता हूँ, मयखानों में बनकर मदिरा सुरबालाओं सा थिरकता हूँ... मैं बहता हूँ बनकर दरिया, ओसों की बूंद बरसता हूँ, मयखानों में बनकर मदिरा सुर...