भीतर से बाहर निकल जगत खुश रंग कली फूल की किस्मत के संग ! भीतर से बाहर निकल जगत खुश रंग कली फूल की किस्मत के संग !
बेहतर बनूं चांदनी, ठंडक दूं, जो धूप में है तपा। बेहतर बनूं चांदनी, ठंडक दूं, जो धूप में है तपा।
उजली सी एक बूँद अनमोल सुगंधित सी मेरे लब पे ठहरी, उजली सी एक बूँद अनमोल सुगंधित सी मेरे लब पे ठहरी,
जीवन पथ पर आगे बढ़ना सीखाती मां, मेरी ताकत, मेरा साहस, मेरी मां। जीवन पथ पर आगे बढ़ना सीखाती मां, मेरी ताकत, मेरा साहस, मेरी मां।
इतनी सुंदरता, इतना अनुपम धरालत, न जाने कब, कैसे किसने बनाये। इतनी सुंदरता, इतना अनुपम धरालत, न जाने कब, कैसे किसने बनाये।
दया सहनशीलता बिन कैसे रहे प्यार, प्रेम रूपी गागर में जीवन दें वार। दया सहनशीलता बिन कैसे रहे प्यार, प्रेम रूपी गागर में जीवन दें वार।