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Arvina Ghalot

Abstract

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Arvina Ghalot

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मेरा घर याद आता है

मेरा घर याद आता है

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घास फूस के तिनकों से बना

मेरा घर मुझे बहुत याद आता है


गाँव का पनघट रहट याद आता है

वो आले तिखाले वो ढिबरी का जलना


गाँव की गलियां चौपाल पर बैठना

याद आता है चौपायों का

गोधुलि में लौटना चुल्हे का जलना


सरसों का साग मक्का की रोटी याद आता है

रातों में अलाव पर बैठ कर कहानी का सुनना


वो शहर को जाती पगडंडी पर मीत का मिलना

आम का बगीचा नीम का पेड़ वो झूला याद आता है


घास फूस के तिनकों से बना

मेरा घर मुझे याद आता है।


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