STORYMIRROR

Arvina Ghalot

Others

4  

Arvina Ghalot

Others

सावन झड़ी लागी

सावन झड़ी लागी

1 min
322


सावन झड़ी लागी 

गौरी झूलन को भागी

हाथ जोड़ बना के अंजुरी

नन्ही बुंदियाँ समेटन लागी 

मृगनयनी अंखियों वाली 

धीरे-धीरे पग धरे बाग में

पायलिया होले से छनक गई 

प्रीत अगन मन में दहक गई

प्रियतम की याद मन में महक गई

गेसू से टप-टप बुंदिया टपक रहीं

लाल चुनरिया भीग के तन से लिपट गई

सज धज के धरती भी आज मुसकाई 

देखो चहुं ओर हरियाली छाई 

धुले धुले देखो निखरे हैं पात

रिमझिम में डूबे दिन रात।


Rate this content
Log in