STORYMIRROR

Arvina Ghalot

Inspirational

4  

Arvina Ghalot

Inspirational

तुम कविता हो

तुम कविता हो

1 min
319

लफ्ज़ में लिपटी कविता

बहे मध्यम बयार सी 

ऊँचाइयों को छूकर गुज़रती

कभी गुलाबों सी महकती 

पन्नों पर हाले दिल बयां करती

स्याही को माध्यम बनाकर

बातों से लुभाया करती 

हे कविता तुझसे मुहब्बत है

दिलों दिमाग पर तुम ही तुम 

मेरे पहलू में बैठ कर मुस्कुराती 

मेरे जीने का सबब बन जाती हो

हर दिन नये जौशोखरोश से 

एक नये दिन का आगाज़

लिए हां तुम कविता हो


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational