कलयुगी प्रेम
कलयुगी प्रेम
आजकल कहाँ चलता हैं
प्यार जन्म जन्मों का
लोग आते हैं जिंदगी में
सादगी का मुखोटा ओढ़
अपना मतलब निकालते
और जिस्मानी हवस मिटा कर
मुँह फेर लेते हैं और रह जाते हैं
ठगे से सच्चे साफ दिल वाले
शिकार हो जाते हैं उस ठगी के
जीवन भर के नासूर को
टीसता देखने के लिए।
