बंद थे दरवाजे दिलों पर ताले थे। बंद थे दरवाजे दिलों पर ताले थे।
सच्चाई, ईमानदारी, तहजीब धीरे-धीरे सब घिसने लगें हैं सच्चाई, ईमानदारी, तहजीब धीरे-धीरे सब घिसने लगें हैं
बहुत गहरे ज़ख्म सह कर किसी के आँसू, भले ही सूख जाए पर अक्सर मैंने उन ज़ख्मों को नासू... बहुत गहरे ज़ख्म सह कर किसी के आँसू, भले ही सूख जाए पर अक्सर मैंने उन...
यदि बात छोटी होती तो सहन हो जाती। यदि बात छोटी होती तो सहन हो जाती।
हाँ! यह भी सच है कि ड़रती हूँ अब ये कहने से, कि खुश हूँ स्वतंत्र हूँ। प्रगतिशील गणतंत्र हू... हाँ! यह भी सच है कि ड़रती हूँ अब ये कहने से, कि खुश हूँ स्वतंत्र हूँ। ...
कुछ पीड़ा आँखें छिपा जाती हैं पर सालती रहती हैं मन को उम्र भर कुछ पीड़ा आँखें छिपा जाती हैं पर सालती रहती हैं मन को उम्र भर