अजनबी
अजनबी
अजनबी शब्द में एक रहस्य
छिपा होता है,
उन्हें हम संदेहास्पद दृष्टि से देखते हैं।
पर, वही अजनबी जब मददगार बन
जाता है,
तो वह, हमदर्द बन जाता है।
वही हमदर्द कभी-कभी जीवन साथी
भी बन बैठता है।
और जीवन भर साथ निभाता है।
हाँ, कुछ अजनबी चेहरे से भोले
दिखते हैं,
दोस्त बन कर विश्वासी बन बैठते हैं।
और जब उनका स्वार्थ पूरा हो जाता है,
तो गहरा ज़ख़्म देने से नहीं घबराते हैं।
अजनबी को पहचानना थोड़ा कठिन है,
पर, प्रेम से किसी को भी अपना बनाया जा सकता है।
अजनबियों को अपना बनाइए,
संसार में वसुधैव कुटुम्बकम की भावना लाइए।
